राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से तेज प्रताप यादव के निष्कासन पर केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कार्रवाई को मात्र “दिखावा” करार देते हुए आरोप लगाया कि यह निर्णय राजनीतिक लाभ के लिए लिया गया है, न कि नैतिकता के आधार पर। 

मांझी ने कहा कि तेज प्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच चल रहे तलाक मामले और संपत्ति विवाद के कारण लालू परिवार ने यह कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार को आशंका है कि कोर्ट का फैसला ऐश्वर्या के पक्ष में जा सकता है, जिससे लालू परिवार की संपत्ति पर संकट खड़ा हो सकता है। 

इसके अलावा, मांझी ने तेज प्रताप के निजी जीवन को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब ऐश्वर्या की शादी हुई थी, उस समय तेज प्रताप किसी और लड़की के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थे। फिर भी शादी कराई गई और बाद में ऐश्वर्या को घर से मारपीट कर निकाल दिया गया। 

मांझी ने यह भी कहा कि अगर कोर्ट ऐश्वर्या के पक्ष में फैसला देता है तो उन्हें संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है। इसी डर से तेज प्रताप को औपचारिक रूप से परिवार और पार्टी से बाहर कर दिया गया, ताकि भविष्य में यह कहा जा सके कि तेज प्रताप का अब परिवार से कोई संबंध नहीं है और उनके पास कुछ नहीं है। 

लालू परिवार की ओर से इस पूरे मामले में अब तक कोई विस्तृत सफाई सामने नहीं आई है। ऐसे में मांझी के आरोपों ने सियासी और पारिवारिक ड्रामे को और गहरा कर दिया है। अब सबकी नजरें कोर्ट के फैसले और लालू परिवार की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

इस विवाद ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है और आने वाले समय में इसके और भी राजनीतिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।