यूरोपीय आयोग ने अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले अपने अधिकारियों को सुरक्षा के मद्देनज़र बर्नर फोन और बेसिक लैपटॉप का उपयोग करने की सलाह दी है। यह कदम ट्रंप प्रशासन के तहत संभावित जासूसी के खतरे को देखते हुए उठाया गया है।
मुख्य समाचार:
डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी 2025 में दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद, अमेरिका और यूरोप के बीच संबंधों में तनाव की नई लहर देखी जा रही है। ट्रंप की नीतियाँ, जैसे नाटो सहयोगियों की आलोचना, व्यापारिक टैरिफ, और रूस के प्रति उनका नरम रुख, यूरोपीय नेताओं के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
हाल ही में, सिग्नल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की बातचीत लीक होने की घटना ने भी अविश्वास को और गहरा किया है।
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय आयोग ने अपने अधिकारियों को सलाह दी है कि वे अमेरिका जाते समय अपने नियमित फोन और डिवाइस की जगह डिस्पोजेबल फोन और बेसिक लैपटॉप का उपयोग करें। यह सावधानी पहले केवल चीन और यूक्रेन जैसे देशों की यात्रा के लिए अपनाई जाती थी, लेकिन अब अमेरिका को भी इस सूची में शामिल किया गया है।
बर्नर फोन सस्ते और अस्थायी होते हैं, जिनका उपयोग आमतौर पर गोपनीयता बनाए रखने के लिए किया जाता है। ये फोन आसानी से बदले या नष्ट किए जा सकते हैं, जिससे डेटा चोरी का खतरा कम हो जाता है।
रिपोर्ट में चार सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगले सप्ताह वाशिंगटन डीसी में होने वाली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वसंत बैठकों में भाग लेने वाले आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों को बर्नर फोन रखने की नई सलाह दी गई है।
निष्कर्ष:
यूरोपीय आयोग की यह पहल अमेरिका के साथ बढ़ते अविश्वास को दर्शाती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में दोनों पक्ष इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं और पारस्परिक विश्वास को कैसे बहाल करते हैं।